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आरक्षण और कुशलता

For How Long

70 वर्षों के बाद भी आरक्षण

Social Justice vs Natural Justice

सोशल जस्टिस और नेचुरल जस्टिस

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आरक्षण और कुशलता
February 13, 2017
70 वर्षों के बाद भी आरक्षण
February 13, 2017
सोशल जस्टिस और नेचुरल जस्टिस
February 13, 2017
क्या आरक्षण न्यायोचित हैं ?
February 13, 2017

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Hello world!
August 11, 2016

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Rape – मेरा जन्मसिद्ध अधिकार
February 12, 2017
निगरानी
February 12, 2017
विशाल ददलानी तथा तरुण सागर
February 12, 2017
राष्ट्रद्रोह के मामलें
February 12, 2017

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काल्पनिक आदर्शवाद
January 21, 2017
व्यवस्था में सामन्जस्य
January 21, 2017
आकांक्षाओं का अपवर्तन
January 21, 2017
संस्कृतियों का टकराव
January 21, 2017
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असली जेहादी

21 वीं शताब्दी में आतंकवाद विश्व के सामने सबसे बड़ी समस्या तथा चुनौती के रूप में उभर कर आया हैं | आकड़ों के अनुसार सन 2006 से 2013 के बीच 90,000 आतंकी हमलों में लगभग 1,30,000 निर्दोष जाने गवाई जा चुकी हैं | आजकल अधिकांश आतंकी हमले आत्मघाती आतंकवादियों द्वारा अंजाम दिए गए हैं |…

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धर्मनिरपेक्षता – एक कुटिल नीति

विश्व में कट्टरपंथ तथा आतंकवाद के विरुद्ध युद्ध में कई बार ऐसा प्रतीत होता हैं, जैसे की विभिन्न सरकारों ने अपने हाथ स्वयं पीठ पीछे बांध रखे हैं | ऐसा अति – उदारवाद की नीति अपनाने के कारण हो रहा हैं, जिससे कि कुटिल चरम पंथियों का काम आसान हो रहा हैं | ऐसे समय…

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संस्कृतियों का टकराव

वैश्वीकरण के वर्तमान दौर में समूचे विश्व में नस्लवादी तथा सांस्कृतिक टकराव बढ़ रहे हैं जिससे हर ओर चिंता और अस्थिरता का माहौल उत्पन्न हो रहा हैं | आधुनिक काल में विज्ञान तकनीक तथा आर्थिक विकास के कारण बड़े पैमाने पर लोगों का स्थान परिवर्तन हो रहा हैं | वृहद स्तरीय प्रवास से अधिक सामाजिक…

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आकांक्षाओं का अपवर्तन

जल में डूबी हुई कोई वस्तु अपने स्थान से थोड़ा हट कर प्रतीत होती है, इस प्रक्रिया को (Refraction) अपवर्तन कहते है | अनुभव दर्शाता है कि विश्व के अधिकांश समाजों में किसी न किसी प्रकार का वर्गीकरण होता है तथा ऐसा प्रतीत होता है जैसे समाज के विभिन्न वर्ग परतों की तरह है |…

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धर्म एवं संस्कृति

धर्म का संबंध आस्था और विश्वास से हैं | जबकि संस्कृति उन सभी वस्तुओं और परम्पराओं से प्रयोजन रखती हैं जिनका उपयोग लोग रोजमर्रा जीवन में करते हैं | तेजी से बदलते हुए आधुनिक वैज्ञानिक जीवन में यदि इन दोनों महत्वपूर्ण विषयों को सही प्रकार से परिभाषित किया जाए तथा इसमें भिन्नता का स्पष्ट तथा…

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धर्मनिरपेक्षता – केवल हिन्दूओं हेतु

भारत में संविधान की प्रस्तावना में कहा गया हैं कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष गणराज्य हैं | परन्तु भारत में धर्मनिरपेक्षता के सिद्धान्त की कुछ इस प्रकार से व्याख्या की गई हैं, तथा इसे कुछ इस प्रकार के लागू किया गया हैं, जिससे कि बहुसंख्यक वर्ग में काफी असंतोष उत्पन्न हुआ हैं | ऐसा कहा जाता…

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व्यवस्था में सामन्जस्य

भारतीय सभ्यता हजारों वर्ष पुरानी है | इस प्राचीनता के कारण भारतीय सामाजिक व्यवस्था अत्यन्त उन्नत एवं जटिल है | कालान्तर में भारत की असीम समृद्धि के कारण अनेक आक्रमणकारी आए और गए | लेकिन वे सभी भारत की राजनैतिक, आर्थिक तथा सामाजिक व्यवस्था पर अपनी अमिट छाप छोड़ गए | भारतीय समाज में इस…

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काल्पनिक आदर्शवाद

किसी भी राष्ट्र की राजनैतिक संरचना के आधारभूत बौध्दिक, वैचारिक तथा मौलिक दर्शन का चयन अत्यन्त सावधानी के साथ होना चाहिए | ऐसे राष्ट्र के नेतृत्व से अपेक्षा की जाती है की मूलभूत राजनैतिक संरचना तथा राजनैतिक विचारधारा वास्तविक सामाजिक यर्थाथ पर आधारित हों, न कि खोखले आदर्शवाद पर | राजनैतिक व्यवस्था के मूलभूत सिध्दांतों…

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